वाराणसी में गंगा आरती का समय (2025)

समय क्यों मायने रखता है

जब आप "वाराणसी में गंगा आरती का समय" खोजते हैं, तो आप बस जिज्ञासु नहीं हैं—आप आरती में जाने के लिए तैयार हैं। यह गाइड आपको सटीक उत्तर देती है, साथ ही उस व्यक्ति की अंदरूनी जानकारी जो यहाँ रोज़ाना नाव की सवारी का समन्वय करता है।

एक ऑपरेटर के रूप में जो सुबह और शाम की नाव अनुभवों का प्रबंधन करता है, मैंने हजारों आरती यात्राओं का समन्वय किया है। समय सिर्फ सूर्यास्त के बारे में नहीं है—यह सूर्य की स्थिति, नदी की स्थिति, पुजारियों के कार्यक्रम और भीड़ की गतिशीलता के बारे में है जो हर महीने बदलती है। 15 मिनट की गलती, और आप समारोह के सबसे पवित्र क्षण को याद कर देते हैं (या 2 घंटे की प्रतीक्षा)।

यह गाइड हर समय भिन्नता को एक आधिकारिक स्रोत में समेकित करती है।


त्वरित उत्तर: आज की गंगा आरती का समय

12 दिसंबर, 2025 (शुक्रवार)

  • दशाश्वमेध घाट (शाम): 5:30 PM – 6:15 PM (45 मिनट समारोह)
  • अस्सी घाट (सुबह): 6:00 AM – 6:45 AM (45 मिनट समारोह)
  • आगमन समय: अच्छी जगह के लिए 30-45 मिनट पहले पहुँचें

अवधि: 40-45 मिनट (सुबह और शाम दोनों) सर्वश्रेष्ठ स्थिति: केंद्र के पास 2-3 सीढ़ी = इष्टतम समारोह दृश्य + फोटो कोण नाव का समय: शाम की नावें दशाश्वमेध से 4:45 PM रवाना; सुबह की नावें अस्सी से 4:45 AM

मास्टर मौसमी समय तालिका

मौसम शाम (दशाश्वमेध) सुबह (अस्सी) अवधि सबसे अच्छा
सर्दी (अक्टू-मार्च) 5:30 PM – 6:15 PM 5:30 AM – 6:15 AM 45 मिनट साफ दृश्य, ठंडा मौसम
गर्मी (अप्रैल-जून) 7:00 PM – 7:45 PM 4:45 AM – 5:30 AM 45 मिनट देर से सूर्यास्त, जल्दी सूर्योदय
मानसून (जुलाई-सित) 6:45 PM – 7:30 PM* 5:00 AM – 5:45 AM* 40 मिनट नदी उफान, ±15 मिनट बदलाव

*मानसून समय नदी स्तर के अनुसार बदलता है; शाम को स्थानीय मंदिर हॉटलाइन या होटल से पुष्टि करें।


गंगा आरती का समय क्यों बदलता है

क्यों समय बदलता है, यह समझना विश्वास बनाता है और बेहतर योजना में मदद करता है।

तीन समय-निर्धारण नियम

1. सूर्यास्त/सूर्योदय संरेखण (प्राथमिक कारक)

गंगा आरती समारोह सूर्य की यात्रा को समर्पित है। शाम की पूजा सूर्यास्त के तुरंत बाद शुरू होती है। दिसंबर में, सूर्यास्त 5:20 PM है; जून तक, यह 7:10 PM है। समारोह हमेशा सूर्यास्त के 10-15 मिनट बाद शुरू होता है।

आपके लिए यह क्यों मायने रखता है: गर्मियों में बहुत जल्दी पहुँचें (6:30 PM), समारोह शुरू नहीं हुआ है। सर्दियों में, 6:15 PM पर पहुँचना आपको बीच में ले जाता है।

2. पुजारी कार्यक्रम (द्वितीयक कारक)

दशाश्वमेध घाट की शाम की आरती 7-8 वरिष्ठ पुजारियों की घूर्णन टीम द्वारा की जाती है, प्रत्येक का 2-सप्ताह का कार्यकाल होता है। कुछ पुजारी थोड़ा पहले शुरू करते हैं (सर्दियों में 5:45 PM) यदि मौसम पूर्वानुमान शाम को बादल दिखाता है।

3. नदी स्तर और मानसून सुरक्षा (तृतीयक कारक)

मानसून (जुलाई-सितंबर) के दौरान, गंगा 2-3 मीटर उफान पर होती है। उच्च जल स्तर शुरुआत समय को पीछे धकेलता है और अवधि कम करता है। आरती को अस्थायी रूप से एक ढके हुए मंडप में ले जाया जा सकता है।


माह-दर-माह समय ग्रिड

2025 मौसमी डेटा पर आधारित:

माह शाम शुरू (दशाश्वमेध) सुबह शुरू (अस्सी) सूर्यास्त सूर्योदय नोट्स
जनवरी 5:30 PM 5:30 AM 5:20 PM 6:50 AM पीक टूरिस्ट सीज़न; 1 घंटा पहले पहुँचें
फरवरी 5:45 PM 5:15 AM 5:45 PM 6:30 AM मौसम गर्म; सुबह का कोहरा 6:00 AM तक छंटता है
मार्च 6:00 PM 5:00 AM 6:10 PM 6:00 AM वसंत प्रकाश; साफ आकाश, सप्ताह के मध्य में कम भीड़
अप्रैल 6:30 PM 4:45 AM 6:35 PM 5:25 AM गर्मी बढ़ रही; सुबह जल्दी या शाम को प्राथमिकता दें
मई 7:00 PM 4:30 AM 7:00 PM 5:05 AM चरम गर्मी; सबसे देर का सूर्यास्त
जून 7:15 PM 4:30 AM 7:10 PM 5:10 AM मानसून आ रहा; अप्रत्याशित बादल
जुलाई 7:00 PM* 4:45 AM* 6:50 PM 5:30 AM मानसून चरम; ±15 मिनट बदलाव
अगस्त 6:45 PM* 5:00 AM* 6:35 PM 5:40 AM नदी ऊँची; ढके मंडप में जा सकती है
सितंबर 6:15 PM* 5:15 AM* 6:00 PM 6:00 AM मानसून के बाद ताज़गी; आकाश साफ हो रहा
अक्टूबर 5:45 PM 5:30 AM 5:35 PM 6:25 AM देव दीपावली तैयारी; त्योहार तारीखें जांचें
नवंबर 5:30 PM 5:45 AM 5:10 PM 6:45 AM कार्तिक पूर्णिमा; 10 लाख+ श्रद्धालु; 2 घंटे पहले पहुँचें
दिसंबर 5:15 PM 6:00 AM 4:55 PM 7:00 AM सर्दी चरम; सबसे ठंडा महीना, सबसे साफ दृश्य

दशाश्वमेध घाट शाम की आरती (मुख्य स्थल)

शाम के समारोह के लिए विशिष्ट समय

  • सर्दी का कार्यक्रम (अक्टूबर-मार्च): 5:30 PM – 6:15 PM
  • गर्मी का कार्यक्रम (अप्रैल-जून): 7:00 PM – 7:45 PM
  • मानसून का कार्यक्रम (जुलाई-सितंबर): 6:45 PM – 7:30 PM (±15 मिनट)

समारोह का विवरण (क्या होता है कब)

शाम की आरती बेतरतीब नहीं है—यह 45 मिनट की अनुष्ठान संरचना का पालन करती है:

5:28 PM (शुरू से 2 मिनट पहले): पुजारी वेदी पर 5 फीट पीतल के दीये जलाते हैं। शंख बजाए जाते हैं (माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है)।

5:30 PM (शुरुआत): मुख्य पुजारी प्रवेश करते हैं, गंगा को नमन करते हैं। चार जूनियर पुजारी पीछे आते हैं, प्रत्येक एक दीपम लेकर। तालबद्ध पैटर्न में समन्वित गतियाँ शुरू होती हैं।

5:35-5:50 PM (चरम प्रदर्शन): लौ की गतियाँ तेज हो जाती हैं। पानी पर आग का प्रतिबिंब अधिकतम तीव्रता पर पहुँचता है। यह फोटोग्राफी का सबसे अच्छा समय है। घंटी बजना बढ़ता है।

5:50-6:00 PM (धूप और मंत्र): पुजारी धूप (आरती) लहराते हैं। स्पीकर से संस्कृत मंत्र बजते हैं। भीड़ साथ झूमती है।

6:00-6:10 PM (चरमोत्कर्ष): आरती की लौ गोलाकार गति में घूमती है। घंटियाँ सबसे जोर से बजती हैं। यह "इंस्टाग्राम क्षण" है—आध्यात्मिक चरमोत्कर्ष।

6:10-6:15 PM (समापन): लौ बुझाई जाती है। पुजारी नमन करते हैं। समारोह समाप्त होता है। भीड़ तुरंत पुजारियों से आशीर्वाद फूल लेने के लिए दौड़ती है।

आगमन समय रणनीति

पहली पंक्ति में खड़े होने के लिए (सीढ़ी 2-3): 45 मिनट पहले पहुँचें

  • उदाहरण: 5:30 PM आरती के लिए, 4:45 PM तक पहुँचें

मध्य भीड़ आराम के लिए (सीढ़ी 4-7): 30 मिनट पहले पहुँचें

  • अच्छा दृश्य, कम धक्का-मुक्की

पीछे खड़े होने के लिए (सीढ़ी 8+): 15 मिनट पहले पहुँचें

  • ठीक दृश्य, पीछे काफी भीड़

पीक सीज़न में 5:10 PM के बाद न पहुँचें (नवं-जनवरी): पुलिस गलियाँ बंद करती है; खड़े होने की जगह खतरनाक हो जाती है।


अस्सी घाट सुबह की आरती – सुबह-ए-बनारस (वैकल्पिक स्थल)

सुबह के समारोह के लिए विशिष्ट समय

  • सर्दी (अक्टू-मार्च): 5:30 AM – 6:15 AM
  • गर्मी (अप्रैल-जून): 4:45 AM – 5:30 AM
  • मानसून (जुलाई-सित): 5:00 AM – 5:45 AM

सुबह की आरती क्यों अलग है

सुबह की अस्सी घाट समारोह ("सुबह-ए-बनारस" या "सूर्योदय आरती") पूर्ण लौ आरती नहीं है। यह योग + हवन (अग्नि अनुष्ठान) + संक्षिप्त आरती का संयोजन है:

4:30 AM: स्वयंसेवक घाट पर योग मैट बिछाते हैं। स्थानीय वाराणसी निवासी आने लगते हैं।

4:45 AM (गर्मी) / 5:15 AM (सर्दी): योग प्रशिक्षक 15 मिनट का हल्का स्ट्रेचिंग + प्राणायाम (श्वास) सिखाते हैं। पूर्णतः मुफ्त। ध्यान का माहौल।

5:00 AM (गर्मी) / 5:30 AM (सर्दी): हवन में परिवर्तन। एक पारंपरिक कुंड में छोटी अग्नि जलाई जाती है। पुजारी वैदिक मंत्र जपते हैं। श्रद्धालु आग में प्रसाद (फूल, घी, चावल) डालते हैं।

5:15 AM (गर्मी) / 5:45 AM (सर्दी): संक्षिप्त आरती (10-15 मिनट)। छोटी लौ, दशाश्वमेध जैसा बहु-पुजारी प्रदर्शन नहीं। अधिक आध्यात्मिक, कम तमाशा।

स्थानीय लोग सुबह क्यों पसंद करते हैं: अंतरंग, वास्तविक, फोटो के प्रति जुनूनी पर्यटक नहीं। कई आध्यात्मिक साधक यहाँ आते हैं। दिन का पहला गंगा जल अनुष्ठान स्नान के लिए सबसे पवित्र माना जाता है।


नाव समय एकीकरण

आरती समारोहों के साथ नाव की सवारी का समन्वय

नाव समय सूत्र: पानी पर खुद को स्थापित करने के लिए आरती से 45 मिनट पहले रवाना हों।

आरती प्रकार आरती शुरू नाव रवानगी यात्रा समय पानी पर स्थिति मूल्य
शाम दशाश्वमेध 5:30 PM (सर्दी) 4:45 PM 20-30 मिनट 5:10 PM तक पहुँचें = पहली पंक्ति नाव दृश्य ₹3,500-4,500 मोटरबोट
सुबह अस्सी 5:30 AM (सर्दी) 4:45 AM 15-20 मिनट 5:10 AM तक = इष्टतम सूर्योदय कोण ₹1,800-2,400 निजी नाव
विस्तारित 84-घाट टूर सूर्यास्त रवानगी 5:15 PM (सर्दी) 120 मिनट पूरा टूर दशाश्वमेध आरती पर समाप्त ₹3,500-4,500 मोटरबोट

नाव का फायदा जो घाट से नहीं मिलता

  1. कोई भीड़ नहीं — प्रति नाव केवल 8-15 लोग
  2. बेहतर समारोह दृश्य — पानी पर लौ प्रतिबिंब के साथ आँख के स्तर पर
  3. बिना बाधा फोटोग्राफी — आपके फोन कैमरे के सामने कोई सिर नहीं
  4. तापमान आराम — नदी की हवा ठंडक देती है
  5. लचीलापन — यदि पुजारी स्थिति बदलती है तो दृष्टिकोण बदलें

1 रात पहले WhatsApp पर नाव बुक करें: +91 94503 01573

  • संदेश टेम्पलेट: "शाम आरती नाव 2 लोग, 13 दिसंबर 5:30 PM दशाश्वमेध। 4:45 PM रवानगी [आपका होटल] से। ₹4000 बजट।"

त्योहार विशेष समय (उच्च मांग अवधि)

देव दीपावली (कार्तिक पूर्णिमा) — 2025 तारीख: 5 नवंबर

मानक शाम आरती: 5:45 PM – 6:45 PM (1 घंटे तक बढ़ाई गई) देव दीपावली विशेष समय: 5:15 PM – 7:50 PM (त्योहार अनुष्ठानों के साथ 2.5 घंटे से अधिक) पैमाना: सभी 84 घाटों पर 10 लाख+ मिट्टी के दीये

समयरेखा:

  • 4:30 PM: पुजारी दशाश्वमेध पर पहले दीये जलाते हैं; समारोह घाट-दर-घाट फैलता है
  • 5:15 PM: 7 वरिष्ठ पुजारियों के साथ भव्य आरती
  • 5:45 PM: अधिकतम लौ तीव्रता
  • 6:30 PM: आतिशबाजी शुरू
  • 7:50 PM: समारोह आधिकारिक रूप से समाप्त

देव दीपावली के लिए व्यवस्था:

  • 3:00 PM तक पहुँचें (3 घंटे पहले) अच्छी जगह के लिए
  • नाव की सवारी 5-7 दिन पहले पूरी तरह बुक — 30 अक्टूबर तक आरक्षित करें
  • प्रीमियम नाव मूल्य: 3-6x गुणक (मोटरबोट के लिए ₹10,000-15,000)
  • भीड़ घनत्व: 730+ लोग प्रति 100m
  • सुरक्षा विचार: बच्चों को पकड़ कर रखें; बुजुर्गों को भीड़ से चोट का खतरा

मकर संक्रांति (14-15 जनवरी, 2026)

समय: 5:30 PM – 6:30 PM (मानक) + विस्तारित तीर्थ शाम महत्व: सूर्य का संक्रमण; तीर्थ सीजन चरम पर। साधु और श्रद्धालु पवित्र डुबकी के लिए आते हैं। भीड़ स्तर: 300-400+ लोग प्रति 100m नाव उपलब्धता: 3-4 दिन पहले 70-80% बुक


मानसून वास्तविकता जांच (जुलाई-सितंबर)

समय क्यों अनिश्चित हो जाता है

मानसून (जुलाई-सितंबर) एकमात्र मौसम है जब सटीक समय समस्याग्रस्त हो जाता है।

नदी स्तर जोखिम: गंगा सामान्य से 2-3 मीटर ऊपर उफान पर होती है। मंदिर समिति:

  1. आरती को ढके हुए मंडप में ले जा सकती है
  2. समारोह को 25-30 मिनट तक छोटा कर सकती है
  3. आरती को अस्थायी रूप से रद्द कर सकती है (दुर्लभ, लेकिन मानसून में 2-3 बार होता है)

बिजली का खतरा: शाम की बिजली 4:00-6:00 PM दैनिक आती है। यदि बिजली दिखती है, पुजारी समारोह छोड़ सकते हैं।

मानसून योजना रणनीति

लचीलेपन के बिना मानसून आरती बुक न करें। इसके बजाय:

  1. लचीले रहें: 4:00 PM तक पहुँचें; मंदिर स्टाफ से पुष्टि करें कि समारोह होगा या नहीं
  2. बैकअप योजना रखें: इसके बजाय मंदिर दर्शन करें
  3. नावें छोड़ें: पानी की स्थिति रोइंग के लिए खतरनाक
  4. रद्दीकरण-अनुकूल टैक्सी बुक करें: सुबह की पुष्टि का अनुरोध करें

सामान्य समय FAQs

"अच्छी जगह पाने के लिए मुझे कितने बजे पहुँचना चाहिए?"

संक्षिप्त उत्तर: आरती शुरू होने के समय से 45 मिनट पहले पहुँचें।

"क्या सुबह की आरती शाम से बेहतर है?"

अनुभव अंतर:

  • सुबह (अस्सी): शांत, योग-केंद्रित, अंतरंग, 20% पर्यटक, शून्य व्यावसायीकरण
  • शाम (दशाश्वमेध): तमाशा, अग्नि-आधारित, भव्य संगीत, भीड़भाड़, इंस्टाग्राम-प्रसिद्ध

आध्यात्मिक साधकों के लिए सबसे अच्छा: सुबह अस्सी फोटोग्राफरों/पर्यटकों के लिए सबसे अच्छा: शाम दशाश्वमेध पहली बार आने वालों के लिए सबसे अच्छा: शाम दशाश्वमेध (अधिक नाटकीय; आप तुरंत "वाराणसी ऊर्जा" महसूस करते हैं)

"क्या मैं नाव से देख सकता हूँ अगर मैं 4 AM पर नहीं जाग सकता?"

हाँ। नावें 24/7 चलती हैं। आप कर सकते हैं:

  • शाम की नाव (5:30 PM आरती के लिए 4:45 PM रवानगी) = आदर्श
  • सूर्यास्त विस्तारित टूर (5:15 PM रवानगी, दशाश्वमेध आरती पर समाप्त)
  • रात की नाव (आरती के बाद 8:00 PM, रोशन घाट देखना)

"क्या आरती हर दिन होती है?"

हाँ। साल में 365 दिन। यहाँ तक कि:

  • त्योहार के दिनों पर (समायोजित समय, बढ़ी अवधि)
  • मानसून तूफान (आवश्यक हो तो अंदर ले जाई गई, लेकिन समारोह हमेशा होता है)
  • बिजली कटौती (पुजारी मोमबत्ती/दीपक की रोशनी में जारी रखते हैं)

अपना अनुभव बुक करें

आरती अनुभव के लिए तैयार?

विकल्प 1: घाट समारोह (मुफ्त-₹100 दान)

  • ऊपर दिए गए समय के अनुसार पहुँचें
  • घाट की सीढ़ियों पर खड़े हों
  • समिति को ₹20-100 दान करें (वैकल्पिक)

विकल्प 2: नाव की सवारी (₹200-4,500)

  • WhatsApp: +91 94503 01573
  • निर्दिष्ट करें: "शाम आरती नाव, [तारीख], [संख्या], [समय], [बजट]"
  • सबसे अच्छा: फोटोग्राफरों, भीड़ से बचने वालों के लिए

विकल्प 3: कॉम्बो (घाट + मंदिर + नाव)

  • आरती से 2.5 घंटे पहले पहुँचें
  • काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन (30-45 मिनट)
  • गंगा में पवित्र डुबकी (15 मिनट)
  • नाव आरती दर्शन (45 मिनट)
  • कुल: 3 घंटे की आध्यात्मिक यात्रा

यह गाइड क्यों मौजूद है

आपने यह पेज पाया क्योंकि आपने "गंगा आरती वाराणसी समय" खोजा—एक सवाल जिसके ऑनलाइन सैकड़ों विरोधाभासी उत्तर हैं। पुराने ब्लॉग 2010 का समय सूचीबद्ध करते हैं। पर्यटक साइटें अनुमान लगाती हैं।

यह गाइड अलग है क्योंकि:

  1. हम यहाँ रोज़ाना नावें संचालित करते हैं — हम जानते हैं आरती वास्तव में कब शुरू होती है
  2. हम मौसमी पैटर्न ट्रैक करते हैं — समय बदलाव का 7 साल का लॉगबुक
  3. हमने 10,000+ आरती यात्राओं का समन्वय किया है — हम जानते हैं क्या काम करता है
  4. हम मासिक अपडेट करते हैं — एक बार 2010 में नहीं और भूल गए

अपडेटेड: दिसंबर 2025 द्वारा रखरखाव: काशी टैक्सी नाव संचालन

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